श्री हरि के बाद पृथ्वी का भार कौन संभालता है?
|हिंदु धर्म मे अलग-अलग तरह की मान्यताएँ मौजूद है। जैसे की हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग जानते है कि भगवान हरि 4 महीने की निद्रा में चले जाते है। ऐसे में प्रश्न आता है कि जब भगवान हरि 4 महीने के लिए निंद्रा में चले जाते है। तब पृथ्वी का भार कौन संभालता है। इसके पीछे का क्या रहस्य है। अगर आपके मन भी इस तरह का प्रश्न है तो आपके इस प्रश्न के जबाब आज इस लेख में मिलने वाला है। तो आइए जानते है-
श्री हरि के बाद पृथ्वी का भार कौन संभालता है?
श्री हरि के बाद पृथ्वी का भार कौन संभालता है? अगर आपका भी यही प्रश्न है तो आपको बता दे कि जब भगवान हरि निंद्रा में चले जाते है तो 4 महीने तक अन्य देवता पृथ्वी का भार संभालते है।
इसे हम इस तरह भी समझ सकते है जैसे कि देव श्रेणी पूर्णिमा के 4 दिन बाद गुरु पूर्णिमा होती है। यानी कि 4 दिन गुरु देव पृथ्वी को संभालते है।
गुरु पुर्णिमा के बाद सावन महीने में पृथ्वी का भार भगवान शिव भोले नाथ संभालते है। सावन के ठीक 19 दिन भाद्रपद लग जाता है। और भाद्रपद में पृथ्वी का भार भगवान श्री कृष्ण संभालते है।
भाद्रपद के बाद 10 दिन तक गणेश चतुर्थी होती है तो ऐसा माना जाता है कि 10 दिन तक पृथ्वी का भार भगवान गणेश संभालते है।
गणेश चतुर्थी के 16 दिन बाद पित्र पक्ष की शुरुआत हो जाती है। तो ऐसी मान्यता है कि इन दिनों पितृदेव पृथ्वी का भार संभालते है।
पितृपक्ष के ठीक अगले दिन नवरात्रि की शुरुआत आ जाती है। जिसमें माता रानी के लिए 9 दिन का व्रत रखा जाता है इन नवरात्रि में माता रानी नौ दिनों तक पृथ्वी का भार संभालती हैं।
नवरात्रि के बाद 10 दिन तक पृथ्वी का वार कुबेर महाराज जी संभालते हैं इसके बाद आती है देव अठन्नी एकादशी इस दिन भगवान मित्र से उड़ जाते हैं और वापस पृथ्वी का भार संभाल लेते हैं।
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