अमावस्या की तिथि से हो रही है दिसंबर की शुरुआत, भूलकर भी न करें यह काम
|Margashirsha Amavasya 2024: हिंदु धर्म मे कई तरह की मान्यताएं है। जो प्राचीन काल से चली आ रही है। जैसे कि अमावस्या का दिन पूजा-पाठ करने के लिए काफी विशेष माना जाता है। लेकिन प्राचीन काल से कुछ ऐसे नियम भी चले आ रहे है जिन्हें अमावस्या के दिन करने से हानि हो सकती है
तो चलिए जानते है आखिर शास्त्रों में अमावस्या को लेकर क्या नियम बनाएं है? और वह कौन से नियम है जिनका पालन नही करने पर हानि का सामना करना पड़ सकता है-
अमावस्या की तिथि से हो रही है दिसंबर की शुरुआत
नवंबर महीना समाप्त हो चुका है और दिसंबर महीने की शुरुआत हो चुकी है। दिसंबर महीने की शुरुआत अमावस्या की तिथि हो रही है। यानी कि 1 दिसंबर को अमावस्या है।
ऐसा कहा जाता है की अमावस्या का दिन पूजा -पाठ और ध्यान के लिए काफी विशेष होता है। इस दिन अपने पितरों की शांति के लिए लोग पिंडदान भी करते है।
मान्यता है की अमावस्या के दिन अगर महिला सच्चे मन से व्रत रखती हैं। तो उन पर देवी देवताओं की कृपा बनी रहती है और उनके पति की लंबी का वरदान मिलता है।
अमावस्या पर क्या ना करें?
वैसे तो अमावस्या का दिन काफी विशेष होता है। लेकिन इस दिन शादी , समारोह, सगाई करना अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप अमावस्या के दिन शुभ समारोह शादी या सगाई करते हैं तो उसमें आपको सफलता, समृद्धि प्राप्त नहीं होती है।
अमावस्या के दिन जानवरों को बिल्कुल भी परेशान नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो जानवरों को परेशान करता है उसे पर पितृ दोष लगता है। इसके साथ ही इस दिन मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन करना हानिकारक होता है।
अमावस्या पर कौन-कौन से काम करने चाहिए?
अमावस्या के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रख सकती हैं और पूजा पाठ करके श्रद्धा अनुसार दान कर सकती हैं। इस दिन आप सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ा सकते हैं और पीपल और वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करके खुद दरिद्रता दूर कर सकते हैं।
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