खुले आसमान में खीर कब और क्यों रखी जाती है? जानिए क्या मान्यता
|खीर का हिंदू धर्म में काफी बड़ा महत्व होता है. घर में जब भी कोई पूजा – पाठका आयोजन होता है तो चावल की खीर जरूर बनाई जाती है और उसका भोग भगवान को लगाया जाता है. लेकिन अक्सर अपने देखा होगा की खीर को खुले आसमान में रखने की मान्यता है. लेकिन क्या आप जानते है की खुले असामान में खीर क्यों और कब रखी जाती है. अगर आप नहीं जानते है है तो आप हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें। क्योंकि आज हम आपके इस विषय में सभी जानकारी देने जा रहे है .तो आइये जानते है –
खुले आसमान में खीर क्यों रखी जाती है?
हिंदू धर्म में चावल अन्न का देवता माना जाता है. साथ ही चवाल की खीर माता लक्ष्मी और विष्णु जी की अति प्रिय है। इसलिए शुभ कार्य पर भगवान के लिए खीर का भोग लगाया जाता है।
अब बात करें कि आखिर खुले आसमान में खीर क्यो रखी जाती है? तो इसके बारे में आपको बता दे कि ऐसा शरद पूर्णिमा पर किया जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन रात में खुले आसमान में खीर रखी जाती है।
ऐसा इसलिए किया जाता है की मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान में जो खीर रखी जाती है, उसमे दैवीय गुण और औषधीय गुण समा जाते हैं। फिर ऐसा माना जाता है कि इस खीर का जो सेवन करता है उसे अमृत की प्राप्ति होती है।
शरद पूर्णिमा की बात करें तो इस साल शरद पूर्णिमा 18 अक्टूबर 2024 को है। इस दिन चंद्रोदय शाम 5 मिनट पर है। मान्यता के अनुसार इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। चंद्रमा की यह करने रात में खुले आसमान में रखी गई खीर पर पड़ती है। जिससे खीर औषधि गुण बन जाती है और इसे खाने से सेहत अच्छी होती है।
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